kaduvi-batain
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कुछ प्रेम कथाओं की,
शुरुआत बड़ी हसीन होती है,
और,
अंत बहुत भयावह ।
कहने को वे,
प्रेम-कथाएँ हैं,
किन्तु,
वहाँ प्रेम तैरता है बस सतह पर / झाग की तरह / छिछला सा ।
बनाता है परत – स्वार्थ की / शर्तों की ,
स्वयं को बनाए रखने के लिए ।
खत्म कर देता है,
अन्य सभी प्राचीन संबंध,
जिन्हें , निर्मित होने मे सदियाँ लगी थीं ।
यही,
कुछ ऐसी प्रेम-कथाएँ हैं,
जो प्रेम को करती हैं छिन्न-भिन्न,
और, उठाती हैं इस सत्य स्वरूप पर प्रश्न ।
—
कुछ प्रेमी,
अब भी रच रहे हैं,
ऐसी ही प्रेम-कथाएँ,
जिनकी शुरुआत बहुत हसीन है …!!!!!
Copyright@ Himanshu Nirbhay —
feeling confused — इतने प्रेम विवाहों के वाब्ज़ूद भी मुहब्बत का पेड़ सूख रहा है ??? !!!
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