kaduvi-batain
- 39 Posts
- 119 Comments
रचना काल–३१ अगस्त २०१२
—————————
ये देश का विकास है|
तेज़ रफ़्तार है,
ये किसकी पुकार है,
वीरान बाज़ार है,
बेवकूफों की तलाश है|
ये देश का विकास है|
राजा बेईमान है,
चोरों की ही शान है,
देशद्रोही महान है,
आतंकी मेहमाँ खास है,
ये देश का विकास है|
सत्य न बोलना तुम,
राज न खोलना तुम,
कुकृत्य न तोलना तुम,
सत्ता का ये प्रयास है,
ये देश का विकास है|
रो रहा इंसान है,
भगवान् भी हैरान है,
नब्ज़ अब मिलती नहीं,
खो चुकी स्वांस है,
ये देश का विकास है|
Read Comments