- 39 Posts
- 119 Comments
एक और घोटाला इस निर्लज्ज सरकार का -कोयला ब्लाक आवंटन और इसके सभी नुमएंदे- नामुराद मंत्री मान ही नहीं रहे की कहीं कुछ गलत हुआ है| इसका एक ही कारन है| आचार्य विनोबा भावे की एक लघु कथा पड़ने पर वह स्पष्ट हो जाता है.
“रामदास रामायण लिखते जाते और शिष्यों को सुनाते जाते थे। हनुमान भी उसे गुप्त रुप से सुनने के लिए आकर बैठते थे। समर्थरामदास ने लिखा, “हनुमान अशोक वन में गये, वहाँ उन्होंने सफेद फूल देखे।”
यह सुनते ही हनुमान झट से प्रकट हो गये और बोले, “मैंने सफेद फूल नहीं देखे थे। तुमने गलत लिखा है, उसे सुधार दो।”
समर्थ ने कहा, मैंने ठीक ही लिखा है। तुमने सफेद फूल ही देखे थे।”
हनुमान ने कहा, “कैसी बात करते हो! मैं स्वयं वहां गया और मैं ही झूठा!”
अंत में झगड़ा रामचंद्रजी के पास पहुंचा। उन्होंने कहा, “फूल तो सफेद ही थे, परंतु हनुमान की आंखें क्रोध से लाल हो रही थीं, इसलिए वे उन्हें लाल दिखाई दिये।”
इस मधुर कथा का आशय यही है कि संसार की ओर देखने की जैसी हमारी दृष्टि होगी, संसार हमें वैसा ही दिखाई देगा।”
स्पष्ट है ली जब सभी की द्रष्टि ही दूषित हो चुकी है तो ये पाप कर्म कैसे दिखाई देंगे|
किन्तु स्मरण रहे..जाकी रही भावना जैसी, प्रभु देखी मूरत तिन तैसी.
अब जन जागरण का समय है..जागो मेरे देशवासियों, जागो, उठो और व्यवस्था परिवर्तन का विगुल फूंक कर रणसंग्राम मैं आओ….आज देश को गूंगे राजा की नहीं वरन मोदी जी जैसे निडर, साहसी, बुद्धिमान, देशप्रेमी, कुशल, नीतिवान राजा की जरूरत है|
चलो, उठो और बदल डालो भारत की तस्वीर…..
जय हिंद!
जय जय जय
Read Comments